
पाकिस्तान सरकार की तरफ से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में आनन-फानन में कराए गए काम की पोल खुलती नजर आरही है। शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात चली तेज आंधी में गुरुद्वारा साहिब के तीन गुंबद जमीन पर आ गए।
गिरने के बाद ये गुंबद टूटे नहीं जिससे ऐसा लग रहा है कि इन्हें फाइबर से तैयार किया गया था और बाद में सीमेंटेड लुक दिया गया। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सतवंत सिंह ने कहा कि आंधी बहुत तेज थी जिसकी वजह से दाे गुंबद गिरे हैं।
गुरु नानकदेव से संबंधित इस गुरुद्वारे के संरक्षण और विस्तारीकरण के साथ डेरा बाबा नानक से करतारपुर तक कॉरीडोर का काम बीते साल पूरा किया गया था। बाबा नानक के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित इस निर्माण की पहल पाकिस्तान ने की थी। पाकिस्तान ने गुरुद्वारा साहिब का काफी विस्तार किया और इसे समूचे सिख समुदाय के लिए ताेहफा बताया।
सोच अच्छी थी पर क्वालिटी को लेकर गंभीरता नहीं
साईं मियांमीर फाउंडेशन के प्रधान हरभजन सिंह बराड़ का कहना है किपाकिस्तान की सोच अच्छी थी लेकिन काम में क्वालिटी को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। उनका कहना है कि पाक सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह सिखों की धार्मिक भावनाओं का मामला है। खास बात तो यह रही कि इस घटना की जानकारी लॉक डाउन के चलते बाहर नहीं निकल सकी है।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सतवंत सिंह का कहना है कि गुरुद्वारा साहिब के लोकल मेंबर इंदरजीत सिंह को रिपेयर के लिए कहा गया है। स्थिति संभलने के बाद कमेटी इस मामले को सरकार तक भी पहुंचाएगी।
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