 
मंडीदीप से बैरागढ़ तक 45 बौद्ध विहार हैं, जो लॉकडाउन खत्म होने तक 25 हजार जरूरतमंदों तक उनके द्वारा बताया सामान पहुंचाएंगे। इसमें हॉस्टल में फंसे स्टूडेंट्स, मजदूरों और अकेले रहने वाले बुजुर्गों को शामिल किया गया है। बौद्ध विहार के कार्यकर्ता इन तक जरूरत के मुताबिक मदद पहुंचाएंगे।
बौद्ध विहार चूनाभट्टी के भंते सागर थोरो ने बताया कि आज प्रत्येक बौद्ध अनुयायी पांच परिवारों की मदद का संकल्प लेगा। यह परिवार उसके आसपास रहने वाले ऐसे जरूरतमंद होंगे जिन तक किसी भी तरह की मदद नहीं पहुंच रही है। भंते सागर ने बताया कि सभी बौद्ध विहार के प्रमुखों के की बैठक हुई थी, जिसमें सभी 45 बौद्ध विहार के आसपास रहने वाले 25 हजार लोगों को चिह्नित करने का निर्णय लिया गया था। ऐसेे बुजुर्गों को घर जाकर सामान दिया जाएगा, जो बौद्ध विहार नहीं आ सकते।
बुद्धिस्ट घरों में रहकर ही करेंगे बाबा साहेब को याद
डॉ. भीमराव आंबेडकर की 129वीं जयंती मंगलवार को मनाई जाएगी, लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी लोग बाबा साहेब को घरों में रहकर ही याद करेंगे। जयंती की पूर्व संध्या पर बौद्ध विहारों के साथ अनुयायियों ने घरों में बाबा साहेब के चित्र के सामने दीप जलाकर बुद्ध वंदना की। दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के महासचिव अशोक पाटिल ने बताया कि सोमवार शाम करुणा बुद्ध विहार तुलसी नगर में रोशनी की गई। इस मौके पर बुद्ध विहार के भंते व कमेटी के चंद लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। दीपक व कैंडल भी जलाए। मान-वंदना का यह अायोजन मंगलवार को जयंती पर भी होगा।
नकद की जगह सामग्री ली
सामाजिक संस्थाएं कर रही हैं मदद- भंते सागर ने बताया कि उनके इस कार्य में कुछ कंपनियां और सामाजिक संस्थाओं के साथ शहर के समाजसेवी भी मदद कर रहे हैं। उनसे रुपए लेने की जगह सामान लिया जा रहा है, ताकि उसे आसानी से लोगों तक पहुंचाया जा सके। कई संस्थाएं और लोग पैसा देना चाहते हैं, लेकिन आज के समय में पैसों से ज्यादा अहमियत खाने के सामान की है, क्योंकि धीरे-धीरे अब इसकी कमी होने लगी है।
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