
कोरोना को लेकर जिले के अधिकांश हिस्सों में लागू लॉक डाउन की चपेट में सब्जी उत्पादक भी आ गए है।
इनकी सब्जियां बेदाम हो गई है। जयपुर की मुहाना मंडी जैसी मंडी में खीरा ककड़ी समेत सब्जियों के भाव करीब 40 से 60 प्रतिशत कम मिल रहे है।
ऐसे में इन उत्पादकों पर दोहरी मार पड़ रही है।जानकारी के अनुसार जिले में गर्मी के सीजन की सब्जियां बाजार में आ रही है।
अभी इनकी बिक्री का पीक टाइम है, लेकिन जिले में गत माह से लोक डाउन व कर्फ्यू लगा होने से इन सब्जियों के दाम बेदाम हो रहे है।
इसके उत्पादकों को ना तो स्थानीय स्तर पर आशानुरुप भाव मिल रहे है ना बडी फल व सब्जी मंडियों में मिल रही है। इसके चलते इसके उत्पादकों को आर्थिक रुप से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सब्जी उत्पादकों की इन दिनाें हालात इस तरह से बिगड़ी हुई है कि उन्हें सब्जियों की लागत भी नहीं मिल रही है। मजबूरन कई उत्पादक तक खेताें में ही सड़ने के लिए छोड़ है।
सब्जियों व फलों का रकबा हैक्टेयर में:
जिले में सब्जियों की बोआई 2478 हैक्टेयर में है। इनमें से खीरा ककड़ी 30, करेला 71, भिंडी 58,तरबूज 220, कद्दू 42, लॉकी 70, प्याज 74, बैंगन 44, हरी मिर्च 83, चकरी 220, खरबूजा 250, टमाटर 85, मिर्ची, जीरा 180, ग्वार फली 48,धनिया 16, मटर 250, हरा सोया 375, लहसुन 15, मैथी 70 हैक्टेयर शामिल है।
50 प्रतिशत तक भाव कम मिल रहे उत्पादकों को: उद्यान अधिकारी लक्ष्मणसिंह ने बताया कि सब्जी व फल उत्पादकों को लॉक डाउन के चलते सब्जी मंडियों में खरीददार नहीं मिल रहे है। जयपुर की मुहाना मंडी में इसी के चलते खीरा ककड़ी 8-10 रुपए किलों के हिसाब बिक रही है। जबकि लॉक डाउन से पहले खीरा 20 रुपए किलो बिकी थी।
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