
जिंदगी कहीं से भी और मुश्किल हालातों में भी दोबारा शुरू की जा सकती है। इसका उदाहरण हरसूद का वह 15 साल पुराना नीम का पेड़ है, जो पुलिया चौड़ीकरण में बाधा बना हुआ था। लॉकडाउन-3 में इसे उसके मूल स्थान से हटाकर 750 मीटर की दूरी पर रीप्लांट किया गया। अनलॉक-1 में इसमें फिर से कोपल आनी शुरू हो गई। सड़ियापानी तिराहे के समीप पुलिया चौड़ीकरण के निर्माण में बाधक बने नीम के पेड़ को काटने की अनुमति हरसूद एसडीएम डॉ. परीक्षित झाड़े ने दे दी थी। लॉकडाउन-3 में उन्होंने ही रिप्लांटेशन का सुझाव दिया।
750 मीटर दूर किया रीप्लांट : पेड़ को जेसीबी से 750 मी. दूरी पर रामनिवास पटेल के खेत के पास रिप्लांट किया था। गड्ढे में केमिकल का छिड़काव किया। 40 दिनों में नपं उपयंत्री मौर्य ने देखरेख की। पिछले एक हफ्ते में पेड़ की टहनियों से कोपल भी फूटने लगी।
एक्सपर्ट व्यू : पेड़ को उखाड़ते समय जड़ों व उसकी मिट्टी सुरक्षित रही। साथ ही उसकी टहनियों की छंटनी से नमी बरकरार रहने का का लाभ मिला है। केमिकल से जड़ों की फीडिंग ब्रेक नहीं हुई। ओवरऑल प्रयोग सफल है। इसके लिए प्रशासन व नपं को बधाई।
-आरके सोलंकी, एसडीओ, वन विभाग
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