
25 मार्च से बंद मां राजराजेश्वरी माता मंदिर के पट 92 दिन बाद शुक्रवार को खुल गए। हालांकि दर्शनार्थी मंदिर के मुख्य गेट के बाहर करीब 15 फीट दूर से ही माता के दर्शन कर पूजा कर सकेंगे। घंटाल बजाने की मनाही रहेगी। इसके लिए घंटाल को मंदिर समिति ने झोले पहनाकर ढक दिया है।
लॉकडाउन के बाद मंदिर पहुंचने वालों की संख्या भी कम हो गई है। पहले व दूसरे दिन भी गिने चुने श्रद्धालु ही मंदिर पहुंचे। खासकर दूल्हा दुल्हन व शादी समारोह वाले परिजन ही मंदिर में पूजा करते देखे गए। सभी ने मुख्य गेट के बाहर से ही दर्शन किए। मंदिर व्यवस्था देखने वाले आशीष नागर ने बताया श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए अलग अलग रास्ते बना दिए हैं। शनिवार को मंदिर व्यवस्था देखने पहुंचे एसडीएम एस.एल. सोलंकी ने मंदिर के समीप हाईवे किनारे लगी हार-फूल दुकानों पर व्यापारियों को बगैर मास्क लगाए बैठे देखा। इस पर उन्होंने व्यापारियों को मास्क दिए और उन्हें मास्क लगाने की हिदायत दी।
शिफ्टिंग से मिलेगी लोहामंडी के जाम से मुक्ति : कलेक्टर
लोहा मंडी में आए दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से अभी निजात मिलने की संभावना नहीं है। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि जब तक वहां के सभी व्यापारियों को शिफ्ट नहीं किया जाता तब तक हालात नहीं सुधरेंगे।
व्यापारियों का कहना है कि अनलॉक होने के बाद से लोहा मंडी में ट्रैफिक जाम हो रहा है। इसी ट्रैफिक जाम के कारण प्रशासन ने यहां से 323 लोहा व्यापारियों को स्कीम 78 स्थित नई लोहा मंडी में शिफ्ट किया था। लॉक डाउन के बाद से न सिर्फ लोहा व्यापारी बल्कि ट्रांसपोर्टर भी यहीं से सारा व्यापार कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस भी जाम खुलवाने में नाकाम साबित हो रही है। पूर्व संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने व्यापारियों को शिफ्ट करने के बाद भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया था। अनलॉक के बाद से यह सारे प्रतिबंध शिथिल कर दिए गए। नतीजा यह है कि यहां के व्यापारी कारोबार नहीं कर पा रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा, कितने व्यापारियों को नई लोहा मंडी में प्लॉट मिले हैं और कितने बच गए हैं यह देखना पड़ेगा। जिन्हें मिले हैं उन्हें जाना चाहिए। सभी व्यापारियों को प्लॉट देकर शिफ्ट करने के बाद ही ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी।
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