
सीएमएचओ ऑफिस के गेट के पास खुले में संदिग्ध मरीजों के सैंपल ले जाने वाले वैक्सीन कैरियर रखे हुए हैं। ये वे वैक्सीन कैरियर हैं, जिनमें रोजाना जिले के ब्लॉकों से कोरोना वायरस के संदिग्धों के सैंपल आते हैं और जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल की माइक्रोबाॅयोलॉजी लैब में सैंपल जमा कराने के बाद लौटने पर सीएमएचओ ऑफिस के गेट पर कंट्रोल रूम के सामने रख दिए जाते हैं। इसी गेट से अधिकारियों और कर्मचारियों का ऑफिस में आना-जाना रहता है।
शनिवार को भी ब्लॉकों के 12 वैक्सीन कैरियर सीएमएचओ ऑफिस के गेट पर रखे हुए थे। जहां ये कैरियर रखे हैं वहां सामने ही 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम है, जहां लोगों का सर्वाधिक आना-जाना रहता है। ऐसे में अगर कोई संक्रमण लगा तो पूरे ऑफिस में फैल सकता है। इसी आशंका को लेकर ऑफिस के मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सीएमएचओ डॉ. ओमप्रकाश मीणा को ज्ञापन देकर वैक्सीन कैरियर्स को रखने के लिए अलग व्यवस्था करने की मांग की है।
यहां सीएमएचओ कार्यालय, आरसीएचओ, डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य और डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण कार्यालय एवं औषधि नियंत्रण संगठन के कार्यालय में करीब 100 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो कार्यालय के प्रवेश द्वार पर रखे वैक्सीन कैरियर से कोरोना संक्रमण को लेकर आशंकित हैं।
ब्लॉकों से रोजाना आने वाले कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल 4 डिग्री तापमान बनाए रखने के लिए वैक्सीन कैरियर में लाए जाते हैं। वहां से आने पर इन कैरियरों को सीएमएचओ कार्यालय परिसर के पुराने भवन के एक कमरे में रख दिया जाता है।
सुबह गाड़ी से इन्हें जांच के लिए जयपुर की माइक्रोबाॅयोलॉजी लैब में ले जाया जाता है लेकिन वहां जमा कराने के बाद माइक्रोबाॅयोलॉजी लैब में प्रदेशभर से आने वाले कैरियरों के ढेर से दूसरे वैक्सीन कैरियर उठा कर लाते हैं और सीएमएचओ ऑफिस में कंट्रोल रूम के सामने रख दिए जाते हैं। जब ब्लॉकों से कर्मचारी दूसरे सैंपल लेकर आते हैं तो खाली कैरियर ले जाते हैं। कर्मचारियों में संशय है कि ये जयपुर में सेनेटाइज भी होते है या नहीं। ये कर्मचारी खुले में रखे सैंपलों के वैक्सीन कैरियरों को लेकर मानसिक तनाव में हैं।
सीएमएचओ कार्यालय के जिस पुराने भवन के कमरे में ये सैंपल रखे जा रहे हैं, वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं।
सैंपल लाने वाले कर्मियों के ऑफिस में प्रवेश से समस्या
सीएमएचओ कार्यालय में सबसे बड़ी परेशानी ये भी है कि ब्लॉक से सैंपल लाने वाले ड्राइवर व कर्मचारी और इन सैंपलों को जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल की माइक्रो बायोलॉजी लैब जमा कराने जाने वाले ड्राइवर और एमपीडब्ल्यू भी कार्यालय में दूसरे कर्मचारियों के संपर्क में रहते हैं।
ऑफिस के कर्मचारियों में सैंपल का ट्रांसपोर्ट करने वाले कर्मचारियों से संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। ये कंट्रोल रूम पर तो विशेष रूप से जमा रहते हैं।
कार्यालय में कंट्रोल रूम पर जमा कई कर्मचारियों के समूह के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हो रही है और संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। कंट्रोल रूम पर पहले से ही 4 कर्मचारी बैठे रहते हैं। सैपल ले जाने वाला वाहन भी दूसरे वाहनों के बीच में ही खड़ा रहता है, जो लगातार सेनेटाइज नहीं हाेता।
^वैक्सीन कैरियर में कोरोना संदिग्धों के सैंपल 3 लेयर में पैक होकर रखे जाते हैं। कैरियर की पैकिंग करके इसे सेनेटाइज किया जाता है। फिर जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में सैंपल निकालकर इन्हें सेनेटाइज करके दिया जाता है। हालांकि वे गेट के पास रखे हैं, लेकिन जहां ये रखे हैं वहां किसी को संक्रमण का खतरा नहीं है।
फिर भी अगर कर्मचारियों को एेतराज है अाैर इनसे संक्रमण का डर है तो इन्हें दूसरे स्थान पर रखवा दिया जाएगा।
-डॉ. छबील कुमार, डिप्टी सीएमएचओ, अलवर
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