
पैसे और पद से कुछ नहीं हाेता, सोच बड़ी होनी चाहिए और किसी इंसान की साेच ही उसे दूसरों से अलग करती है। कमोबेश, इस काेराेना काल में सरकारी तथा गैरसरकारी तंत्र से जुड़े तमाम लोगों ने अलग-अलग तरीके से सेवा-समर्पण की मिसाल पेश की है और इसी कड़ी में अपने बच्चों की फीस माफ करने की पहल की है शहर के अमृत मॉडल स्कूल ने। स्कूल मैनेजमेंट ने अपने यहां पढ़ने वाले 300 बच्चों से अप्रैल-मई और जून महीने की फीस न लेने का फैसला किया है।
अमृत मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल कम प्रबंधक ठाकुर सूर्य प्रताप सिंह कहते हैं कि स्कूल चलता रहेगा लेकिन समाज के साथ खड़ा होने का मौका कभी-कभी मिलता है। अमृत मॉडल स्कूल ने अपने फैसले से उन तमाम बड़े-बड़े स्कूलों काे आइना दिखाया है जिनकी बहुमंजिला बिल्डिंगें हैं और जाे आर्थिक रूप से मजबूत हैं।
सूर्यप्रताप सिंह के अनुसार, उनके प्ले-पेन से 5वीं तक के स्कूल में 300 बच्चे पढ़ते हैं। लॉकडाउन के चलते 23 मार्च काे स्कूल बंद कर बच्चों और स्टाफ को घर भेज दिया। उसी समय पीएम नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी स्कूलों से अपील की थी कि वह लॉकडाउन के दौरान बच्चों से फीस न लें और उनकी पढ़ाई ऑनलाइन जारी रखें। इसी अपील से उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने अपने 300 छात्रों की अप्रैल, मई व जून की फीस माफ कर दी। उनके स्कूल में 14 लाेगाें का टीचिंग स्टाफ है।
वह सभी टीचरों काे मार्च की पूरी सैलरी दे चुके हैं। ये टीचर उनकी टीम है और बताैर लीडर उनका दायित्व है कि वह संकट की घड़ी में अपनी टीम की जिम्मेदारी उठाएं।
पिता ने रखी थी स्कूल की नींव, अब दोनों भाई मिलकर चला रहे
सूर्यप्रताप सिंह के पिता ठाकुर ओमप्रकाश शिक्षा जगत से जुड़े थे और अमृत मॉडल स्कूल की नींव उन्होंने ही रखी थी। पिता के निधन के बाद सूर्यप्रताप ने अपने छाेटे भाई भानुप्रताप के साथ मिलकर स्कूल संभाला। उनकी मां शकुंतला सिंह गृहिणी हैं। माता-पिता की प्रेरणा से दाेनाें भाई स्कूल काे चला रहे हैं। सूर्यप्रताप सिंह एक एनजीओ से भी जुड़े हैं जो लोगों की मदद करता रहता है।
Click here to see more details
0 coment rios:
Hi friends