
कोरोना काल मे युवाओं को डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मंदसौर निवासी नेल आर्टिस्ट वाजिद खान ने नई पहल की है। इसके तहत वे देश के युवाओं की मदद से दुनिया के सबसे बड़े एब्स्ट्रेक्ट स्कल्प्चर को भारत में ही बनाएंगे। इसके लिए वे देश के 6 हजार युवाओं को पहले नि:शुल्क प्रशिक्षण देंगे। इसके बाद इन्हीं युवाओं को रोजगार भी देंगे। देश में पूरी तरह अनलॉक लागू होते ही इंदौर सहित कोलकाता, बेंगलुरू, मुंबई में इसका निर्माण शुरू किया जाएगा। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में शामिल किया जाएगा। इंदौर सहित अन्य शहरों में बने सभी हिस्सों को कतर पहुंचाया जाएगा। वहां इन्हें जोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा (करीब 50 फीट) एब्स्ट्रेक्ट स्कल्प्चर तैयार किया जाएगा। वर्तमान में यूरोप में सबसे बड़ा 30 फीट का एब्स्ट्रेक्ट स्कल्प्चर बना हुआ है।
37 विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं वाजिद, खान सरनेम हटाकर वाजिद इंडिया रख लिया नाम
वाजिद खान अब तक 37 वर्ल्ड रिकाॅर्ड अपने नाम कर चुके हैं। हाल ही में उन्हें फोर्ब्स मैगजीन के कवर पेज पर द विंची का दर्जा भी दिया है। वाजिद ने नेल, काइनेटिक, ऑटो मोबाइल, बुलेट, स्टोन आर्ट में काम किया है। वाजिद के 500 से ज्यादा स्टूडेंट भी वर्ल्ड रिकाॅर्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं। देश के प्रति प्रेम की भावना के बाद हाल ही में वाजिद ने खुद का सरनेम हटाते हुए अपना नाम वाजिद इंडिया रख लिया है। वाजिद बताते हैं उन्हें कतर देश में दुनिया का सबसे बड़ा एब्स्ट्रेक्ट स्कल्प्चर बनाने का काम मिला। इस काम में वहां की सरकार भी उनकी मदद करने को तैयार है। लॉकडाउन के दौरान देश के युवाओं में बढ़ते डिप्रेशन को देखते हुए उन्होंने निर्माण भारत में ही करने का निर्णय लिया है। इसके बाद उन्होंने 6 हजार युवाओं को का चयन शुरू कर दिया है। युवाओं के रहने व खाने-पीने का खर्च भी वाजिद ही वहन करेंगे।
इस तरह बनता है एब्स्ट्रेक्ट स्कल्प्चर
वाजिद इंडिया ने बताया कि पहले मिट्टी से स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। उसके ऊपर प्लास्टर ऑफ पेरिस व उसके ऊपर रबर की लेयर चढ़ाई जाएगी। इसके ऊपर मोम की लेयर चढ़ाई जाएगी। सभी को मेल्ड कर आकृति तैयार की जाएगी। सबसे ऊपर ब्रास भरा जाता है। इसमें काॅपर, चांदी व अन्य धातु को मिलाया जाता है। अंत में नट बोल्ड (नेल आर्ट) से कोटिंग करेंगे।
हिस्ट्री चैनल पूरे प्रोग्राम को करेगा कवर
इसे बनाने के लिए वाजिद को 2 साल का समय दिया है। करीब एक साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य है। उसके बाद उसे कतर ले जाया जाएगा। इस पूरे निर्माण को हिस्ट्री चैनल कवर करेगा।
0 coment rios:
Hi friends