
(वारिस मलिक)कोरोनावायरस का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। 3 मई तक का लॉकडाउन बढ़ने पर खिलाड़ियों को फिटनेस की चिंता होने लगी है। सभी खेल सेंटर बंद हैं। ऐसे में स्टेट और देश के लिए मेडल जीतने वाले खिलाड़ी फिटनेस के देसी तरीके अपना रहे हैं।
घर पर खिलाड़ियों की प्रेक्टिस ठीक रहे, इसके लिए कोच भी वेट ट्रेनिंग करवा रहे हैं। कोशिश यही है कि ऐसी वेट ट्रेनिंग को शेड्यूल में शामिल किया जाए जिससे खिलाड़ी को इंजरी का डर न रहे।
स्पोर्ट्स से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो इस लॉकडाउन में जहां खिलाड़ियों को घर रहने की सलाह है, लेकिन खिलाड़ियों की गेम्स पर भी इसका सीधा असर हो रहा है। हालांकि लॉकडाउन खोलने के बाद सामान्य दिनों में खिलाड़ी को पहले के मुकाबले दोगुनी मेहनत कर अपने लाने वापिस पहुंचना पड़ेगा।
चारा काटने वाली मशीन से बाजुओं की बेहतर कसरत
घर में वेट ट्रेनिंग कर रहे खिलाड़ी यूनिक तरीके अपना रहे हैं। सामान्य दिनों में जो खिलाड़ी घरों में पानी की बाल्टी या गैस सिलेंडर उठाने से कतराते हैं, अब इन्हीं चीजों से खुद को फिट रख रहे हैं। गैस सिलेंडर को उठाकर उठक-बैठक करने के बाद लेट कर चेस्ट पंप कर रहे हैं। जिन खिलाड़ियों के घरों में गाय-भैंस है उन्होंने तो अपनी वेट ट्रेनिंग में इनके लिए चारा काटने तक की एक्सरसाइज को शामिल किया है। चारा काटने वाली मशीन को बॉडी के ऊपर एरिया के साथ आर्म्स (बाजू) की बेहतरीन एक्सरसाइज हो रही है।
ओवर प्रेक्टिस से बचें
अलग-अलग गेम्स के कोच का कहना है कि फिटनेस की अनदेखी नहीं की जा सकती। इस समय सबसे ज्यादा खिलाड़ियों को अपनी फिजिकली ट्रेनिंग पर फोकस रखना चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ओवर प्रेक्टिस न करें ताकि खिलाड़ियों को इंजरी ना हो। क्योंकि, अगर खिलाड़ी को इंजरी होती है तो अब इलाज भी मुश्किल होगा और उसका इंपैक्ट गेम पर पड़ेगा। इसलिए खिलाड़ियों को अपनी जरूरत के मुताबिक ही वेट उठाना चाहिए। छत पर या फिर घर के ही खुले एरिया में वेट ट्रेनिंग करनी चाहिए।
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