
हाईकोर्ट में मुकदमों या याचिकाओं की ई फाइलिंग की व्यवस्था लागू कर दी गई है। वकीलों को इसके लिए ई फाइलिंग पोर्टल पर अपना स्वयं का एकाउंट बनाना होगा तथा उसी के माध्यम से ई फाइलिंग करनी होगी तथा उसकी हार्डकॉपी कोर्ट में ई फाइलिंग काउंटर पर जमा करवानी होगी। हालांकि कोरोना वायरस की महामारी के चलते व्यवस्थाएं सामान्य होने तक हार्डकॉपी जमा कराने की वकीलों को छूट दी है।
पिछले साल दिसंबर में फुल कोर्ट की मीटिंग में हाईकोर्ट को ईकोर्ट में तब्दील करने का फैसला हुआ था तथा उसी की पालना में ई फाइलिंग की व्यवस्था लागू की गई है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की ई कमेटी द्वारा ई फाइलिंग पोर्टल विकसित किया गया है, जिसे देश के विभिन्न हाईकोर्ट उपयोग में ला रहे हैं तथा राजस्थान हाईकोर्ट में भी उसे ही उपयोग में लाया जाएगा। इसका लिंक राजस्थान हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है। गत 9 जनवरी को जारी गाइडलाइन के अनुसार अर्जेंट केस ई फाइलिंग के जरिए पेश किए जाएंगे, हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते सामान्य हालात होने तक हार्डकॉपी जमा कराने की छूट रहेगी।
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यानीसामान्य हालात होने के बाद एक सप्ताह के भीतर यह हार्डकॉपी व कोर्ट फीस ई फाइलिंग काउंटर पर जमा कराने होंगे। भविष्य में ई फाइलिंग पोर्टल में ही कोर्ट फीस का ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था उपलब्ध होगी। वहीं वर्तमान में अर्जेंट केस ई मेल के जरिए पेश करने की सुविधा जारी रहेगी, लेकिन इस दरम्यान अधिवक्ता या पक्षकार अपना यूजर एकाउंट बना सकते हैं तथा ई फाइलिंग शुरू कर सकते हैं।
मोबाइल और ईमेल पर आएगा वन टाइम पासवर्ड
ई फाइलिंग करने के लिए वकीलों या पक्षकारों को ई फाइलिंग पोर्टल पर अपना अकाउंट बनाना होगा। अकाउंट बनाने के संंबंध में पूरी गाइडलाइन वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है। हाईकोर्ट में रजिस्टर्ड वकीलों के मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी पर वन टाइम पासवर्ड भी भेजा जाएगा। कुछ वकीलों ने अपने मोबाइल नंबर और रजिस्टर्ड ईमेल आईडी बदल दिए हैं, वे उपयोग में नहीं आ सकेंगे। हाईकोर्ट वेबसाइट पर एडवोकेट डिटेल्स में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी देख सकते हैं।
आईडी बदलने के लिए भेजनी होगी मेल
अगर अधिवक्ताओं को मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी बदलने की जरूरत है तो इसके लिए मेल करनी होगी। जोधपुर पीठ के अधिवक्ताओं
कोadvocatejodh.update@hcraj.nic.inऔर जयपुर पीठ के अधिवक्ताओं
कोadvocatejpr.update@hcraj.nic.inपर मेल भेजनी हागी। बार काउंसिल पंजीयन प्रमाण पत्र या बार एसोसिएशन के आईडेंटी कार्ड कॉपी, जिसमें बार काउंसिल द्वारा जारी पंजीयन क्रमांक लिखे हुए हो, वह कॉपी भी साथ भेजनी होगी। यह कॉपी अटैच होने पर ही मोबाइल नंबर बदलने के उनके आग्रह पर विचार किया जाएगा।
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