पेज

सोमवार, 20 अप्रैल 2020

एमजी अस्पताल में क्वारेंटाइन संदिग्धों काे खाने में सूखी रोटी, एक ही ग्लास से सभी ने पिया पानी


काेराेना की रोकथाम और राेगियाें के इलाज में भले ही हमारे डॉक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन काेराेना की इस लड़ाई में प्रशासन और महात्मा गांधी अस्पताल की अव्यवस्था सामने आई हैं। यहां क्वारेंटाइन रखे जा रहे संदिग्धों काे न ताे समय से भाेजन मिल रहा है और न ही पर्याप्त पानी।

अस्पताल में सैंपल लेने के बाद आइसोलेट किए गए मरीजों ने स्वयं अपने साथ हा़े रहे बर्ताव काे देखते हुए मीडिया का सहारा लिया और अंदर के हालातों काे हूबहू बताया। व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने वाले अाम राेगी ही नहीं बल्कि सरकारी महकमों के कर्मचारी भी शामिल हैं। स्टाफ ने समस्या बताते हुए अपना नाम भी प्रकाशित करने काे कहा, उन्होंने कहा कि मुझे डर नहीं हैं, लेकिन भास्कर उनके नाम प्रकाशित नहीं कर रहा है।

हाउसिंग बोर्ड के भर्ती एक युवक ने बताया कि उसके पूरे परिवार को भर्ती किया। वार्ड में करीब 24 लोग हैं। पानी के 2 कैंपर थे, लेकिन ग्लास कॉमन ही था इसलिए सभी बारी- बारी से उसी ग्लास से पानी पी रहे थे। रात 2:30 बजे पानी खत्म हो गया। इस पर लोग कैंपर खोलकर उसमें से पानी निकालने लगे। पूरी रात लोग प्यासे रहे। सुबह लोगों ने हंगामा किया तो 8 बजे पानी और ग्लास भेजे गए। इस पर सभी ने परिवार के हिसाब से ग्लास बांट लिए। लोगों ने बताया कि उन्हें सुबह बिस्किट, चाय का नाश्ता दिया। लेकिन दोपहर के भोजन में सुखी रोटी और महज आचार दिया गया। रात को सभी के सैंपल लिए गए। जिस पर डॉक्टर हर एक व्यक्ति का सैंपल लेने के बाद ग्लब्स बदल रहे थे, लेकिन वो सभी ग्लब्स वार्ड के डस्टबिन में ही डाल दिए, जो कि कचरे से ओवरफ्लो था। वार्ड में रहने के भी पर्याप्त प्रबंध नहीं है। वार्ड में साेशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं की जा रही है, मेल वार्ड और फिमेल वार्ड भरे हुए हैं।

आइसोलेट एक महिला ने बताया कि वाे काेराेना महामारी के बीच शहर में सर्वे का काम रही थी। वार्ड 5 में भी सर्वे उन्होंने ही की थी। जहां संक्रमित महिला मिली। इसे देखते हुए शनिवार काे दोपहर 2 बजे संदिग्ध मानते हुए हमें भी सैंपल के लिए बुलाया गया। दाे बजे ही भर्ती कर दिया और रात काे 11 बजे सैंपल लिए। लेकिन इस बीच न चाय मिली न ही नाश्ता, शाम काे जरूर एक थैली में पीले चावल दिए थे। इसके बाद सुबह चाय भी नहीं मिली, थाेड़ी चाय अाई वाे भी खत्म हा़े गई। वार्ड में बच्चे भी हैं, जिन्हें समय पर दूध तक नहीं मिल रहा।

न सेनेटाइजर दिया न मास्क, हमने फिर भी सेवा दी, हमें खान भी नहीं मिला: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि वाे शहर में सर्वे का काम कर हैं। हम लाेगाें से काम ताे हद से ज्यादा लिया जा रहा है, लेकिन हमारी सुरक्षा की किसी काे परवाह नहीं है। यहां तक की हमें मास्क, ग्लब्स अाैर सेनेटाइजर तक चिकित्सा विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, शुरू में जब सर्वे करना शुरू किया ताे महज नर्सिंगकर्मियों काे ही सेनेटाइजर अाैर अन्य सामग्री दी गई। इस संबंध में जब विभाग के किसी अधिकारी से बात करते हैं ताे नाैकरी से निकालने की धमकी देते हैं और उल्टा यह जवाब देते हैं कि आपकाे आइसीडीएस विभाग ने लगाया है ताे वाे व्यवस्थाएं करेंगे।

निगेटिव रिपोर्ट आई ताे माहीडैम, पीपलोद और बड़वी की महिलाओं काे आधे रास्ते छाेड़ा

निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद कुछ संदिग्धों काे वापस घर पर छाेड़ा। बस में करीब 20 लाेग थे। जिसमें माहीडैम, पीपलाेद, न्यू हाउसिंग बाेर्ड, बड़वी आदि क्षेत्रों के थे। अस्पताल से इन्हें चंदन ट्रैवल्स की बस में छाेड़ने के लिए रात आठ बजे भेजा गया। लेकिन बस चालक ने उन्हें गणेश दूध डेयरी के पास हाउसिंग बाेर्ड ही छाेड़ दिया गया। जब सभी ने विराेध किया ताे चालक ने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि हमें केवल यहीं तक छाेड़ने की अनुमति थी। इसके आगे आपकाे ही जाना हाेगा। ऐसे में संदिग्धों ने अपने-अपने परिजनों काे फाेन कर बुलाया और घरों तक पहुंचे।

Dry bread in quarantine suspects at MG hospital, everyone drank water from same glass


Click here to see more details




Bihar.                  Bollywoodnews

ChandigarhHimachal

                    Chhattisgarh News

Delhi News.               Enter 

                                               National

Haryana.                    Health news

                     Jharkhand News

Lifestylenews

             Madhya Pradesh

National.                                                                               PunjabNews

Rajasthan News.   

                                       Sportsnews

Utar Pradesh

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Hi friends