
काेराेना वायरस के संक्रमण से लड़ने की जंग में शहर के एक परिवार में डॉक्टर दंपत्ति बेटा-बेटी, बहू व दामाद सभी काेराना याेद्धा है। जो दिल्ली, नाेएड़ा व छत्तीसगढ़ के अस्पतालाें में ड्यूटी दे रहे हैं। जहां दाे साल की पाेत्ती काे अाया के भराेसे घर पर छाेड़कर जाते है।
इसलिए दादा-दादी की सुबह जाग हाेते ही चिंता बढ़ जाती है। जिन्हें बार-बार फाेन कर घर बुलाने का प्रयास करते हैं। लेकिन उन्हाेंने कहा िक इस समय अपनाें की सेवा से बढ़कर कोई दूसरी सेवा नहीं हाे सकती है। जिससे दादी वाॅट्सएप वीडियो काॅलिंग कर पाेत्ती इनाया काे संभालने का प्रयास कर रही है।
जहां एक अाेर परिवार में खुशी है िक देश में काेराेना वायरस के संकट की घड़ी में देश सेवा में बच्चे अग्रणी हाे रहे है। वहीं घर पर दाे साल की अकेली पाेत्ती व बच्चाें काे बीमारी हाेने की अाशंका से चिंतित हाेते है। दरअसल, काेराेना के चलते अामजन काे घरों में रहने की सलाह दी जा रही है। इसके बावजूद भी लाेग पलायन कर रहे है। एसडीएम कार्यालय से राेजाना 20-25 लाेग वाहन परमिशन ले रहे है। शहर में बड़ी संख्या में लाेग वापस घर आगए है। जिन्हें हाेम आइसाेलेट किया जा रहा है।
शहर में एक ऐसा परिवार भी है। जिसके सभी सदस्य डॉक्टर है। विनाेद अग्रवाल व उनकी पत्नी ललिता अग्रवाल के परिवार में दाे बेटे व एक बेटी डॉक्टर हैं। सभी की शादी भी डॉक्टर से हुई है। बेटा डाॅ. माेहित, डाॅ. नवनीत व बहू डाॅ. प्रियंका, डाॅ. अग्रिता है। जिनकी दिल्ली व नाेएड़ा के अपाेला, ईएसआई व यथार्थ अस्पताल में ड्यूटी है। बेटी डाॅ. माेनिका की छत्तीसगढ़ के धनवंतरी जिले में डाॅ. सिद्धार्थ के साथ शादी हुई है। जिनकी भी सरकारी अस्पतालाें में ड्यूटी है। एेसे में परिवार के सभी सदस्य काेराेना याेद्धा की ड्यूटी दे रहे है। परिवार में विनाेद अग्रवाल व उनकी पत्नी घर पर अकेले है। विनाेद अग्रवाल बताते है किबेटा-बहू की एक साथ अस्पताल में ड्यूटी हाेती है। जहां इमरजेंसी वार्ड में आठ-आठ घंटे ड्यूटी लगती है। घर पर दाे साल की पाेत्ती काे आया के भराेसे छाेड़ जाते है। जिससे पाेत्ती काे वीडियाे कॉलिंग से संभालने का प्रयास करते है।
काैन है विनाेद अग्रवाल : लाॅकडाउन में अखबार का उपयोग अधिक हाे रहा है। ऐसे में समाचार पत्र ही आप तक पुख्ता खबर पहुंचा रहे हैं। शहर में दैनिक भास्कर वितरण के विनाेद अग्रवाल एजेंट है। जो जान की परवाह किए बिना आपके घर तक पेपर पहंुचाने का लगातार प्रयास करते है। उनके जज्बे को सलाम। भोर के प्रहरियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका उत्साह बनाने का भरसक प्रयास करते है। इसलिए समय पर उन्हें बिल भुगतान कर कर्तव्य निभाएं, ताकि वे निर्बाध रूप से अपना दायित्व निभा सकें।
इन्हाेंने भी संभाली कमान
क्षेत्र के गांव नांगल खाेड़िया के रामनिवास अग्रवाल के परिवार में बेटा, बहू व पोता भी काेराेना पीड़ितों के इलाज में जुटे हुए है। पोता डाॅ. अादर्श अग्रवाल बहराेड़ के रैफरल अस्पताल में सेवारत हैं। जिनकी ब्लाक स्तरीय काेराेना वायरस की सर्वे टीम में नाेडल अधिकारी के पद पर ड्यूटी है। अग्रवाल अस्पताल में राेजाना ड्यूटी पर उपस्थित हाेकर मरीजों के इलाज करने के साथ सर्वे टीम के कार्य काे देर रात तक पूरा करना उनकी खासियत है। परिवार के अन्य सदस्य डाॅ. बरखा गुप्ता, शालिनी अग्रवाल, डाॅ. सैलेश अग्रवाल, डाॅ. अनिल अग्रवाल भी इलाज कर रहे है।
रामनिवास के परिवार के सदस्य।
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