
ध्यान रखें कि-
- कोरोना संबंधी संदेश या सूचना सिर्फ वॉट्सएप ही करें।
- आपके सारे संदेश पहले भास्कर पढ़ेगा और चयनित
- 5 प्रश्नों को सीएम तक पहुंचाया जाएगा।
- सीएम के जवाब अगले दिन प्रकाशित किए जाएंगे।
सीएम का जवाब : कुछ जिलों में नए हॉटस्पॉट बने हैं। कर्फ्यू लगाने का निर्णय पॉजिटिव केस मिलने के बद जरूरत लगने पर लिया जा रहा है और हॉटस्पॉट की सीलबन्दी प्रभावी तरीके से कर रहे हैं। अभी शंकास्पद एवं जोखिम वाले इलाकों में स्क्रीनिंग कर रहे हैं ताकि कांटैक्ट ट्रेसिंग सफलता से हो सके। प्रदेश में रैपिड टेस्ट किट से स्क्रीनिंग की तैयारियां की जा रही हैं।
2. किसान क्रेडिट कार्ड से संबंधित कई मामलाें में भुगतान की तिथि 4 अप्रैल थी, लाॅकडाउन की वजह से किसान जमा नहीं करा सके हैं। क्या सरकार लेट फीस मांग करेगी?-नदाराम भानू, अजमेर
जवाब : किसान क्रेडिट कार्ड योजना केंद्र के अधीन है। इस संबंध में निर्णय केंद्र ही लेता है। राजस्थान सरकार पहले ही सहकारी बैंकों से ब्याज मुक्त फसल ऋण योजना सफलता से चला रही है। सहकारी बैंकों से वितरित फसल ऋण के भुगतान की अंतिम तिथि 31.3.20 से बढ़ाकर 30.6.20 की जा चुकी है।
3. ग्रामीण अस्पतालाें में बच्चाें काे टीका लगाने से मना किया जा रहा है, तर्क दिया जा रहा है कि लाॅकडाउन के बाद टीका लगाएंगे, इससे बच्चाें की सेहत पर असर पड़ सकता है, क्या सरकार इस दिशा में कोई कदम उठा रही है? -विकास सैनी, नागौर
जवाब : राज्य सरकार के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में टीकाकरण किया जा रहा है। अगर टीकाकरण न करने को लेकर शिकायत मिलती है तो कार्रवाई करेंगे। केवल आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोरोना के खतरे को देखते हुए अस्थायी तौर पर टीकाकरण दिवस रोका गया है।
4. काेचिंग सेंटर के हाॅस्टलाें से छात्र घर आ चुके, पर लॉकडाउन पीरियड के दिनाें का भी चार्ज मांगा जा रहा है। सरकार कोई आदेश जारी करेगी क्या? -रवि कुमार, कोटा
जवाब : सभी कोचिंग संस्थानों को जिला प्रशासन द्वारा निर्देशित किया जा रहा है कि यदि इस लॉकडाउन अवधि का छात्रों से शुल्क लेते हैं तो शिकायत प्राप्त होने पर कोचिंग संस्थान के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
5. जंगल औरगांवाें में वन्यजीवाें के लिए क्या व्यवस्था है? इनके खाने के संकट से लेकर शिकार तक की घटनाएं बढ़ रही हैं? -छाेटूराम विश्नोई, पीलवा
जवाब : केंद्र के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुरूप भोजन की व्यवस्था की जा रही है। शिकार जैसी घटनाओं पर वन अधिकारी व कर्मी नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं।
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