
कोरोना के खिलाफ जंग अब चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे में एक भी चूक नतीजे बदल सकती है। कोरोना की रणभूमि बन चुके जयपुर में मरीजों का आंकड़ा 250 के करीब पहुंच गया है। ऐसे में यहां युद्धस्तर पर तत्काल कुछ अहम फैसले लेने की जरूरत है। सिर्फ लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सुरक्षा हथियार अब काफी नहीं हैं।
राजधानी में इस वक्त महाकर्फ्यू, जीरो ट्रैफिक, एक-एक व्यक्ति की जांच, विस्तृत कांटैक्ट ट्रेसिंग, जरूरी सेवाओं में लगे लोगों की नियमित जांच, राशन-दूध जैसी आवश्यक चीजों की होम डिलीवरी और पर्सनल डिस्टेंसिंग यानी घर में अपने परिजनों से दूरी जैसे आठ बड़े कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा लॉकडाउन की अवधि भी 14 अप्रैल से बढ़ाकर 1 मई तक की जानी चाहिए।
क्योंकि पिछले दस दिन में ही राजस्थान में 450 से ज्यादा नए मरीज आ गए हैं। अगर जयपुर के हालात देखें तो यहां रामगंज के अलावा कई और इलाके भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। ये हैं वे आठ कदम, जिन्हें तत्काल लागू करने की जरूरत है।
ये हैं वो 8 हथियार, जो कोरोना से जंग जीतने के लिए इस वक्त सबसे जरूरी...
एक-एक व्यक्ति की जांच कराएं
जयपुर सबसे हाईरिस्क वाला हॉटस्पॉट बन चुका है। ऐसे में यहां सिर्फ लक्षणों के आधार पर नहीं, बल्कि घर-घर जाकर एक-एक व्यक्ति की जांच करवाना जरूरी है।
सब्जी-राशन घर-घर पहुुंचाया जाए
हर वार्ड में सिर्फ दो-तीन किराने की दुकानों और डेयरी को होम डिलीवरी के लिए लाइसेंस दिया जाए। महाकर्फ्यू लगाया जाए ताकि जरूरी चीजों के लिए भी लोग बाहर न निकलें।
सड़क पर कोई गैर-जरूरी वाहन न रहे
जरूरी सेवाओं में लगे लोगों और आवश्यक चीजें ले जाने वाले वाहनों के अलावा सड़क पर एक भी वाहन नहीं दिखना चाहिए। जीरो-ट्रैफिक का सख्ती से पालन करवाया जाए।
जरूरी सेवा में लगे लोगों की रोज जांच हो
जिन डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों और मीडिया को रोज बाहर आना-जाना पड़ता है, उनकी अनिवार्य रूप से नियमित जांच कराई जानी चाहिए। क्योंकि इस वक्त सबसे ज्यादा खतरे में वही हैं।
रोगी के मोबाइल से विस्तृत कांटैक्ट ट्रेसिंग हो
चीन के वुहान में एक संक्रमित से 18 हजार लोगों की ट्रेसिंग हुई। वहां मोबाइल की कांटैक्ट ट्रेसिंग से ऐसा किया गया। राजधानी में भी रोगियों के मोबाइल से कांटैक्ट ट्रेसिंग बड़े स्तर पर कराने की जरूरत है।
होम की जगह हॉस्पिटल आइसोलेशन ही करें
संदिग्धों और रोगी के संपर्क में आने वालों का होम आइसोलेशन करने की जगह उन्हें हॉस्पिटल में आइसोलेशन में रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन में 80% तक विस्तार फैमिली क्लस्टर्स से ही हुआ था।
दूसरे अस्पतालों का भी इस्तेमाल किया जाए
हार्ट अटैक व डिलीवरी जैसी इमरजेंसी के अलावा दूसरे अस्पतालों में गैर जरूरी सर्जरी रोकें। आइसोलेशन रूम बनाएं। एक ही जगह ज्यादा संख्या में कोरोना मरीज रखने की जगह कुछ दूसरी जगह शिफ्ट करें।
घर में परिजनों से भी 6 फीट दूरी बनाएं
ये आपको खुद करना होगा, सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती। घर के अंदर भी अपने परिजनों से करीब 6 फीट की दूरी बनाएं। बाहर से कोई सामान आए तो उसे अच्छी तरह सैनिटाइज जरूर करें।
Click here to see more details
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Hi friends