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मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

रिपाेर्ट निगेटिव, एयरफाेर्स का ग्रीन सिग्नल, फिर भी चेन्नई के बेस कैंप में फंसा है भोपाल का बेटा


विशेष संवाददाता| भोपाल
लाॅकडाउन के बीच ये कहानी है इंद्रपुरी के भवानीधाम में रहने वाले अंकुश दुबे की। अंकुश हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में काम करते हैं। 4 मार्च को मलेशिया गए थे। 18 मार्च को लौटने वाले थे। एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चैक के बाद बोर्डिंग पास भी ले लिया था। फ्लाइट भी पहुंच चुकी थी, तभी अनाउंसमेंट हुआ कि कोरोना संक्रमण के चलते भारत सरकार ने विदेशों से आने वाली उड़ानों को अपने यहां आने से रोक दिया है। 18 से 23 मार्च तक कुआलालंपुर एयरपोर्ट की बेंच पर ही जिंदगी चली। इंडियन हाइकमीशन ही खाना उपलब्ध करवाता रहा।

उड़ानें रुकीं तो अंकुश ने कुआलालंपुर एयरपोर्ट पर 5 दिन बेंच पर ही बिताए

23 मार्च को भारत सरकार ने एयर एशिया की फ्लाइट से मलेशिया और सिंगापुर से 110 भारतीय यात्रियों को एयर-लिफ्ट किया। हमें वहां से सीधे चेन्नई पहुंचाया। चेन्नई एयरफोर्स बेस के पास हमें क्वारेंटाइन में रखा गया, जो अब पूरा हो गया है। दो बार सैंपल हो चुके। रिपोर्ट नेगेटिव है। एयरफोर्स से घर जाने के लिए ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। तमिलनाडु के ही सबसे ज्यादा लाेग थे। वे जा चुके हैं। मप्र से मैं अकेला हूं।

 मैंने 15 तारीख की इंडिगो की फ्लाइट में भोपाल के लिए टिकट बुक भी की है, लेकिन असमंजस यह है कि फ्लाइट होगी या नहीं। माता-पिता ने भोपाल जिला प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने भी यह कहकर इंकार कर दिया कि इस विषय में केंद्र सरकार निर्णय करेेगी। अंकुश कहते हैं कि राज्य सरकारों का ऐसा सलूक क्यों? अब मुझे मेरे घर भोपाल में एंट्री मिलेगी या नहीं, यह कौन बताएगा।
Report negative, air signal's green signal, yet Bhopal's son is trapped in base camp of Chennai

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