
(सुरेंद्र दोसी)कोरोना संक्रमण की इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन है। 40 दिन के लॉकडाउन की अवधि में 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन 2.0 शुरू हो चुका है, जो 3 मई तक रहने वाला है। आमजन घरों में कैद है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर व्यापार, उद्योग सबकुछ बंद है। देश में सोशल इमरजेंसी के हालात है।
ऐसे में अपनी जान को जोखिम में डालकर डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ फ्रंटलाइन पर रहकर कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों की जान बचाने में जुटे हैं।
वहीं पुलिस प्रशासन, मीडियाकर्मी भी कोरोना वॉरियर्स के रूप में दिनरात काम में जुटे हैं। ऐसे में सरकार के आदेश के बाद जिले के शिक्षा विभाग के कार्मिक भी पीछे नहीं हैं। जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित 4258 शिक्षक और शिक्षिकाएं जिनका असल कार्य पढ़ाने का है वो भी मुस्तैदी से प्रशासन के साथ मिलकर ड्यूटी निभाते हुए सरकार के आदेशों व निर्देशों का पालन कर सक्रियता से अपनी सेवाएं देने में जुटे हैं।
ये भी किसी कर्म योद्धाओं से कमतर नहीं हैं। क्योंकि खुद के स्वास्थ्य व संक्रमित होने की चिंता को दर किनार कर ड्यूटी दे रहे हैं। शिक्षा विभाग के कार्मिकों का कहना हैं कि संकट के दौर में प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने के लिए तत्पर हैं।
उल्लेखनीय हैं कि आम चुनाव, जनगणना, विभिन्न सर्वे कार्यों जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शिक्षकों की भूमिका सर्व विदित है। बागीदौरा सीबीईओ रामलाल खराड़ी गुजरात सीमा पर मोनाडूंगर चेक पोस्ट पर ड्यूटी पर थे और अभी बड़ोदिया टीएडी हॉस्टल के क्वारेंटाइन सेंटर प्रभारी रूप में निष्ठा पूर्वक सेवा दे रहे हैं।
इधर, एसीबीईओ नीरज दोसी ने उपखंड स्तरीय वॉर रूम, होम आइसोलेटेड नागरिकों का सर्वे, निशुल्क राशन वितरण की मॉनिटरिंग, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय की कमान संभाल रखी है।
वहीं जिले के 11 ब्लॉक की ग्राम पंचायतों के वार्डों में 4258 शिक्षक व शिक्षिकाओं द्वारा घर-घर सर्वे कर राज्य व जिले के बाहर से आए नागरिकों की जानकारी जुटाई है। वार्ड प्रभारी शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन होम आइसोलेटेड नागरिकों द्वारा क्वारेंटाइन रहने, चिकित्सा जांच होने की निगरानी की जा रही है।
खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित परिवारों को उचित मूल्य की दुकानों के जरिए निशुल्क गेहूं वितरण में भी शिक्षक लगे हैं। ताकि पात्र को लाभ मिले। पीईईओ भी कोर ग्रुप व पंचायत स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। तीन पारियों में शिक्षा विभाग के कार्मिक 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास व अन्य राहत शिविर में शिक्षक चौबीस घंटे की ड्यूटी पर है।
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