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सोमवार, 13 अप्रैल 2020

पंचायतों को मिले 30 हजार रुपए, निकालने की जगह ले रही जनसहयोग


कोरोना के खतरे को कम करने के लिए नगर सहित ग्रामीणस्तर पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। मैन पावर से लेकर सैनिटाइजर, भोजन आदि व्यवस्थाओं पर लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। जनपद की 68 पंचायतों के खाते में 14वें वित्त की 15 फीसदी राशि जमा हो गई है। इनमें से 30 हजार रुपए पंचायत को कोरोना संबंधी व्यवस्था पर खर्च करना है।

 हैरानी की बात है कि राशि खाते में आने के बावजूद कुछ पंचायतें निजी और कुछ जनसहयोग के लिए हाथ फैला रही हैं। बल्कि कहीं-कहीं तो सरपंच-सचिव लोगों से उधार लेकर के काम चला रहे हैं। महज डिजिटल सिग्नेचर अपडेट नहीं करवाने के कारण ऐसा हो रहा है। सिर्फ एक-दो पंचायतों ने पैसा निकाला और उपयोग भी कर रही हैं।

जनपद की 68 पंचायतों के तहत 147 गांव आते हैं। इनमें अभी कोरोना से बचाव के लिए मास्क वितरण और सैनिटाइजर का छिड़काव करवाने संबंधी काम करवाया जा रहे हैं। उक्त काम के लिए शासन ने 30 हजार रुपए प्रत्येक पंचायत के खाते में जमा किए हैं ताकि वे उसका उपयोग कर लोगों को सुरक्षा प्रदान करें और संक्रमण के खतरे को कम कर सकें।

जब तक राशि पंचायत के खाते में नहीं आई थी तब तक जनसहयोग लिया जाना ठीक था लेकिन तीन दिन पहले ही पंचायत के खाते में पैसा जमा हो चुका है।

अभी अधिकतर पंचायतें उस राशि को निकाल नहीं पा रही हैं।

सरपंचों का कार्यकाल खत्म हो गया है और अब वे पंचायत प्रधान के रूप में काम कर रहे हैं। पंचायत को पैसा निकालने के लिए सरपंच के डिजिटल हस्ताक्षर की जरूरत है लेकिन सरपंच का पद बदलकर समिति प्रधान होने से अब खाते व डिजिटल सिग्नेचर अपडेट चाहिए। पंचायतों का सोचना है कि अभी लोगों से जनसहयोग मिल रहा है तो जल्दबाजी क्यों करें। जब तक जनसहयोग मिल रहा है तब तक ठीक है, जब ज्यादा अर्जेंसी होगी तब निकलवा लेंगे। इसी सोच का असर ग्रामीणों की जेब पर पड़ रहा है।

सरपंच के पदनाम बदले पर डिजिटल सिग्नेचर नहीं- पंचायत के खातों से भुगतान ऑनलाइन होता है। इसके लिए पंचायत के सरपंच-सचिवों को डिजिटल सिग्नेचर बनाकर दिए गए थे। कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें नया नाम तो दे दिया लेकिन उस समय उनके सिग्नेचर अपडेट नहीं किए। नतीजा अब पंचायत के खातों में पैसा है पर वे निकाल नहीं पा रही हैं।

सरपंच-सचिव जानबूझकर आनाकानी कर रहे होंगे- जनपद सीईओ आर.बी.एस. दंडोतिया ने बताया जो पैसा पंचायतों को मिला है उसे निकालने पर किसी तरह की रोक नहीं है। 15 दिन पहले ही सरपंच व सचिवों को अवगत करा दिया है। डिजिटल सिग्नेचर पुराने ही हैं। यदि वे फिर भी राशि नहीं निकाल रहे तो अलग बात है। कुछ जानबूझकर आनाकानी कर रहे होंगे। यदि किसी को कोई दिक्कत हो तो मुझे बताएं।

कहीं राशि खाते में आई तो कहीं अभी तक नहीं

ग्राम पंचायत राजाखेड़ी सरपंच प्रतिनिधि अरविंद हाड़ा ने बताया पंचायत के खाते में राशि आ गई है। अभी उसे हम निकाल नहीं पा रहे हैं। भूतेड़ा सरपंच भरत मालवीय ने बताया राशि अभी तक खाते में नहीं आई है।

खाते अपडेट नहीं हुए- सरपंच संघ अध्यक्ष बाबूलाल पाटीदार ने बताया कोरोना संबंधी खर्च के लिए सभी पंचायतों को 30 हजार रुपए मिले हैं। अभी बैंक खाते अपडेट नहीं हुए हैं ऐसे में हम राशि नहीं निकाल पा रहे हैं। पंचायत अपने व जनसहयोग के माध्यम से काम कर रही है।
30 thousand rupees given to panchayats, public cooperation taking place of withdrawal

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