
शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 95 तक पहुंच चुकी है। 95 कंटेनमेंट एरिया बनाए गए हैं, जहां करीब 4 लाख लोग हैं। इन इलाकों में दूसरे क्षेत्रों के लोग बेरोकटाेक आ-जा रहे हैं।
सैनिटाइजेशन भी यहां 5 दिन में पूरा हो पा रहा है। संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, सीएसपी, नगर निगम अपर आयुक्त और पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्युटिव इंजीनियर को इन क्षेत्रों में व्यवस्थाओं के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है।
लेकिन अब तक प्रशासन के पास ज्यादातर मरीजों की कांटेक्ट हिस्ट्री नहीं है। इन क्षेत्रों में स्क्रीनिंग और सर्वे का काम भी धीमी गति से चल रहा है। सैंपलिंग भी सिर्फ 100 से 200 के बीच ही हो रही है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि इन क्षेत्रों के कितने लोग कोरोना संक्रमित होंगे।
जीएमसी ने कांटेक्ट हिस्ट्री की जानकारी लेने के लिए तीन दिन पहले डॉक्टरों की 40 टीमें बनाईं। उसके बाद एक-एक मरीज से संपर्क कर डॉक्टर पूछ रहे हैं कि पिछले पंद्रह दिनों में आप किन- किन लोगों से मिले। न तो मरीज ठीक से बता पा रहे हैं और न डॉक्टर अभी एक-एक से संपर्क कर सके हैं।
इसका नतीजा है कि प्रशासन के पास न तो इस बात का पुख्ता रिकाॅर्ड है कि इन पॉजिटिव मरीजों को संक्रमण कहां से हुआ और न यह पता है कि इन लोगों ने किन्हें संक्रमित कर दिया। काेराेना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने में चार दिन का समय लग रहा है।
हालांकि पॉजिटिव मरीजों के घर के आसपास के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए 400 एएनएम लगाए गए हैं। लेकिन बाग मुगालिया, सिग्नेचर रेसीडेंसी, टीटी नगर, जवाहर चौक, चूना भट्टी, रचना नगर और अन्य क्षेत्रों के लोग बता रहे हैं कि उनके घर पर अब तक कोई सर्वे नहीं हुआ है। एेसे में पूरे क्षेत्र के लोगों में भय की स्थिति है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि अब तक तीन लाख लोगों का सर्वे किया जा चुका
है।
लगभग सभी कंटेनमेंट एरिया की यही हकीकत...
हाेना ये चाहिए | लेकिन हो ये रहा है |
एक किमी दायरे में बाहरी व्यक्ति कोे आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। | कंटेनमेंट एरिया की काॅलाेनियाें में लाेग बेराेकटाेक आ-जा रहे हैं। |
जरूरी काम के लिए घर से काेई एक व्यक्ति को ही बाहर जाने की अनुमति। | लाेग बार-बार नए बहाने करके काॅलाेनी से बाहर जाने के लिए पहुंच रहे हैं। |
कंटेनमेंट एरिया के लिए रैपिड रिस्पांस टीम-मेडिकल मोबाइल यूनिट हाेगी। | स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच ताे रही है, लेकिन चंद घराें तक ही सीमित है। |
स्वास्थ्य विभाग की टीम हर रोज क्षेत्र में पहुंचकर यहां लोगों की स्क्रीनिंग करेगी। | टीम प्रत्येक घर तक हर राेज नहीं पहुंचकर फाेन पर संपर्क कर रही है। |
तमाम घरों का सर्वे होगा। बाहर से आने वाले व्यक्ति की स्कैनिंग अनिवार्य होगी। | टीमें घराें का सर्वे कर रही हैं। सुबह-शाम ही हो रही स्कैनिंग दाेपहर में नहीं। |
पाॅजीटिव मिले व्यक्ति के घर से 3 किमी के दायरे में सैनिटाइजेशन। | केस मिलने के बाद पूरा सेनेटाइजेशन होने में पांच दिन लग रहे हैं। |
टेस्ट बढ़ाने के लिएअब अस्थाई सैंपल कलेक्शनसेंटर बनाने की तैयार
जिन इलाकों में काेराेना के संदिग्ध मरीज ज्यादा मिल रहे हैं वहां अस्थाई सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाकर सैंपल लेने की व्यवस्था की जा रही है। यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है ताकि संदिग्ध मरीजों के सैंपल 24 घंटे के भीतर लिए जा सकें। जिम्मेदारों का दावा है कि नई व्यवस्था में संदिग्ध मरीज काे कलेक्शन सेंटर पर लाकर सैंपल लिए जाएंगे। इससे कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सैंपल लिए जा सकेंगे।
लोगों के घर जाकर सैंपल लेने में लग रहा था ज्यादा समय
टीम घर जाकर सैंपल लेती है ताे उसमें समय ज्यादा लगता है। ऐसे में व्यवस्था में बदलाव करते हुए सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाए जा रहे हैं। यहां संदिग्ध मरीजों काे लाकर सैंपल लिए जाएंगे। मरीजों काे लाने औरले जाने की व्यवस्था भी की जाएगी। -डाॅ. अलका परगनिया, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल
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