
उसके पिता की 2 साल पहले व माता की 3 साल पहले मृत्यु हो गई थी, जोकि कपड़े की दुकान पर काम करता था। लॉकडाउन के वक्त से अपने घर में था।
संभव है कि उसने शनिवार रात में फंदा लगाया। सुबह दरवाजा अंदर से बंद था। करीब 11:30 बजे विशाल का दोस्त उसे मिलने आया तो उसने अंदर से उसकी आवाज नहीं आने पर रोशनदान से झांक कर देखा तो वह फंदे पर झूल रहा था। जिसके शव का रविवार को पोस्टमार्टम कराया गया।
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