
शहर से कोचिंग छात्रों को उत्तरप्रदेश में भेजे जाने को लेकर मचे बवाल के बीच शनिवार को दूसरे दिन भी यह सिलसिला जारी रहा। करीब 140 बसों में छात्रों को घरों के लिए रवाना किया गया।
देर रात छत्तीसगढ़ से भी छात्रों को ले जाने के लिए बसें भेजे जाने की सूचना थी। बिहार व मध्यप्रदेश के छात्राें काे भी कोटा से घर भेजे जाने की तैयारी है। इसके लिए वहां की राज्य सरकाराें से चर्चा चल रही है। इस संबंध में अंतिम निर्णय एक-दाे दिन में हाेने की संभावना है।
शनिवार काे करीब 150 बसाें में उत्तरप्रदेश के जिन छात्रों को ले जाया गया, वे शुक्रवार को नहीं जा पाए थे। इन बसों को आगरा व झांसी भेजा गया। कोटा से यूपी के आठ हजार छात्रों की वापसी के लिए उत्तरप्रदेश व राजस्थान सरकार के बीच वार्ता हुई थी। इसके बाद 252 बसें उन्हें लेने के लिए काेटा पहुुंची। प्रशासन की ओर से मुनादी करवाने के कारण उम्मीद से अधिक छात्र बसाें की रवानगी स्थल पर पहुंच गए। उनकी संख्या दस हजार पर पहुंच गई। इसमें काेचिंग छात्राें के परिजनाें के अलावा दूसरे क्षेत्राें में पढ़ाई कर रहे छात्र भी शामिल हाे गए।
कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं : खाचरियावास
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार काेटा में काेचिंग कर रहे सभी बच्चाें काे सुरक्षित उनके घर भेजना चाहती है। यूपी के बच्चों को भेजे जाने के मामले में कुछ लाेग राजनीति भी कर रहे हैं। उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी सरकार की ओर से बसें भेजकर स्टूडेंट्स काे वापस बुलाने के कदम पर पर नाराजगी जताई है।
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