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सोमवार, 13 अप्रैल 2020

प्राइवेट प्रेक्टिसनर डॉक्टरों ने बढ़ाई मरीजों से दूरिया, नहीं कर रहे मरीजों का इलाज


जिले में एक तरफ जिला अस्पताल के अलावा अन्य डॉक्टर इमरजेंसी के दौरान जिम्मेदारी और कर्तव्य निभाने के लिए परिवार से दूरी बनाकर चल रहे हैं।वहीं प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले कई डॉक्टरों द्वारा मरीजों का इलाज न करने से परेशानी लोगों को उठाना पड़ रही है, जबकि प्रदेश में एस्मा कानून लागू कर दिया है।

शनिवार की रात कुछ इसी तरह की परेशानी कोतवाली में पदस्थ आरक्षक शकील खान के साथ हुई। श्री खान दो साल के बेटे को संक्रमण न हो इसलिए लॉक डाउन के बाद से घर नहीं जा रहे हैं।

पिछले तीन चार दिन से उनके बेटे की आंख में हो रही तकलीफ बढ़ी तो उनकी पत्नी नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. वाय डी अग्रवाल के यहां पर पहुंची। बेटा देखकर रोने न लगे इसलिए आरक्षक पिता सामने नहीं आया। कई बार घंटी बजाने के बाद भी डॉक्टर बाहर नहीं निकले। एसआई राम शर्मा सहित आरक्षक भी पहुंचे।

तमाम प्रयास के बाद भी जब डॉक्टर अग्रवाल बाहर नहीं आए तो फिर नायब तहसीलदार रोहित रघुवंशी भी पहुंच गए। तब प्रशासन और पुलिस के आने की जानकारी लगी तो डॉक्टर अग्रवाल नीचे उतरे और आरक्षक के बेटे का इलाज किया। शहर में कई ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने लॉकडाउन के बाद से मरीजों को देखना ही बंद कर दिया है। आमदिनों में इनके अस्पतालों में मरीजों की कतार लगी रहती थी।

अपडाउन कर रहे डॉक्टर

इमरजेंसी के समय आपात स्थिति में कहीं भी डॉक्टरों की जरूरत पड़ सकती है। पारसोल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ डा. विनोद जैन हर दिन अपडाउन कर रहे हैं। शनिवार को जब पुलिस ने उन्हें शाम को गांधी पार्क पर रोका तो टीआई और डॉक्टर की बातचीत का वीडियो वायरल हो गया। इसमें डॉ जैन को रोकने पर वे टीआई से बोल रहे है कि सुबह निकलता हूं शाम को आता हूं तो यहां पदस्थ स्टॉफ को एतराज है।

इसकी मैं अपने उच्च अधिकारियों से बात करूंगा। जब टीआई श्री मुदगिल पूछ रहे हैं कि पुलिस और चिकित्सा इमरजेंसी सेवा में मानी गई है, जिसमें 24 घंटे हैडमास्टर पर रहना जरूरी है। इस पर डॉ. जैन ने कहा कि वे मां-बाप को छोड़कर रात को नहीं रह सकता इसलिए सीएमओ कहेंगे तो पद से त्याग पत्र दे दूंगा। डॉक्टर टीआई को यह भी बोलते हुए चले गए कि जेल में डाल दीजिए साहब।

डा. जेआर त्रिवेदिया सीएमएचओ के मुताबिक, कोई प्राइवेट चिकित्सक मरीज को अटैंड करने से मना नहीं करेगा। अगर ऐसा करता है तो इसके विरुद्ध एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसका आदेश भी जारी किया है। वहीं पारसोल पीएस प्रभारी के मामले को मैं दिखवाता हूं। उनको इस तरह से जवाब नहीं देना चाहिए।
Private Practitioner doctors increase distance from patients, not treating patients


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